*स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दण्ड देना कानूनी अपराध है*
*मुसीबत में फंसे बच्चें डायल करें 1098*
सुभाष तिवारी लखनऊ
पट्टी तहसील क्षेत्र के वीटेल इंस्टूट एकैडमी गंगेहटी में चाइल्डलाइन 1098 प्रतापगढ़ के तत्वावधान मे बालधिकार पर आउटरीच जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें चाइल्डलाइन के सदस्य हकीम अन्सारी ने बाल अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल मे बच्चों को शारीरिक दण्ड देना कानूनी अपराध है।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के मुताबिक बच्चों के साथ किसी किस्म की क्रूरता नहीं की जा सकती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा 17 के तहत बच्चों को सज़ा देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। अंसारी ने कहा कि
2012 में पारित एक विधेयक के मुताबिक बच्चों को शारीरिक दंड देने पर शिक्षक को तीन साल की जेल हो सकती है।
बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-17 किसी भी तरह के शारीरिक दंड, मानसिक प्रताड़ना व भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। बच्चो को दण्ड देना कानून अपराध है। इसके साथ ही जुबेनाइल जस्टिस एक्ट-2015 की धारा-82 में भी यह परिभाषित है। श्री अंसारी ने कि चाइल्डलाइन 1098 बच्चों सबसे अच्छा दोस्त है मुसीबत में फंसे बच्चे किसी भी फोन से 1098 डायल करें मदद मांग सकते हैं।
जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार आदि अध्यापक लोग उपस्थित रहे।