जयपुर - राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून की अवहेलना करने के मामले में श्रीगंगानगर जिले में घड़साना के उपखण्ड अधिकारी पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया
है। आयोग ने तीन अन्य मामलो में, ग्रामीण विकास और शिक्षा विभाग के अधिकारीयो के खिलाफ कार्यवाही की है। आयोग ने इन अधिकारियो पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।
सूचना आयोग ने घड़साना के उपखण्ड अधिकारी के विरुद्ध तब कार्यवाही का आदेश दिया जब स्थानीय नागरिक गोविंदनारायण ने अपील दाखिल कर शिकायत की कि प्रशासन कोई दो साल से उनके आवेदन की उपेक्षा कर रहा है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त नारायण बारेठ कहा उपखण्ड अधिकारी प्रशासन की अहम कड़ी है। उनसे ऐसे रवैये की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। आयोग ने उपखण्ड अधिकारी से जवाब तलब किया और अपना पक्ष रखने को कहा। लेकिन पर्याप्त अवसर देने के बाद भी न तो वे हाजिर हुए ,न ही जवाब पेश किया।
इस मामले में गोविंद नारायण ने वर्ष 2019 में अर्जी दाखिल कर प्रशासन को भेजे अपने एक पत्र पर कार्यवाही की सूचना मांगी थी। लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया / सूचना आयुक्त बारेठ ने .उपखण्ड अधिकारी को पंद्रह में नागरिक को सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया है / आयोग ने अपने आदेश की प्रति कार्मिक विभाग को भी भेजने का निर्देश दिया है। जुर्माने की राशि अधिकारी के वेतन से काटी जाएगी।
आयोग ने बीकानेर जिले में सूरपुरा गांव के ग्राम विकास अधिकारी पर भी पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। इस मामले में एक ग्रामीण ने 2019 में सूचना के लिए आवेदन किया था। पर विकास अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। बीकानेर जिले में ही बैरासर के विकास अधिकारी पर भी आयोग ने पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। उनके खिलाफ एक ग्रामीण ने शिकायत की कि अधिकारी ने उनके आवेदन को कोई तवज्जो नहीं दी। आयोग के अधिकारी से स्पष्टीकरण माँगा /पर वे हाजिर नहीं हुए। सूचना आयुक्त बारेठ ने आयोग के आदेश की प्रति उनके वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है।
आयोग ने चितौड़गढ़ जिले के जिला शिक्षा अधिकारी [प्राथमिक ] पर सूचना अधिकार कानून की पालना नहीं करने पर पांच हजार रूपये की शास्ति आरोपित करने का निर्देश दिया है / आयोग के सम्मुख नागरिक उस्मान गनी ने आरोप लगाया की कि अधिकारी ने उनके आवेदन को कोई महत्व नहीं दिया। आयोग ने अधिकारी को कई बार अपना पक्ष रखने मौका दिया। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। इस पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की है। सूचना आयुक्त बारेठ ने अपने आदेश की प्रति इन महकमों के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है।