राजस्थान के किसानों की आवाज उठी संसद में* *सांसद नीरज डांगी ने की इनपुट सब्सिडी सीमा बढाने की मांग*

 *राजस्थान के किसानों की आवाज उठी संसद में*

*सांसद नीरज डांगी ने की इनपुट सब्सिडी सीमा बढाने की मांग*



नई दिल्ली - 


सांसद नीरज डांगी ने आज राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिए राजस्थान के संदर्भ में कृषि इनपुट सब्सिडी की अधिकतम सीमा 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक किये जाने की मांग करते हुए सदन को अवगत कराया कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है परन्तु जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से यह प्रदेश देश में 24 वें स्थान पर है। राजस्थान का एक बड़ा भू-भाग रेगिस्तानी या शुष्क जलवायु वाला है। यहां भूमि की उत्पादकता बहुत कम है और आम तौर पर एक वर्ष में केवल एक ही फसल की जाती है। प्रदेश में बारिश बहुत कम होती है, तथा पहले जो जिले मरू विकास कार्यक्रम का हिस्सा थे, वहां किसानों के पास जमीन तो बहुत है परन्तु इस भूमि को जोतना बहुत मुश्किल एवं यह जमीन अनुत्पादक (अनप्रोडक्टिव) है। सांसद ने कहा कि राजस्थान के ये जिले अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, सिरोही और उदयपुर है। इसलिए छोटे और सीमांत किसानों की पात्रता मानदंड जो 2 हैक्टेयर तक भूमि की सीमा है, जो इन जिलों के लिए उपयुक्त नही है।

इसके स्थान पर भारत सरकार द्वारा राजस्थान के परिपेक्ष्य में एसडीआरएफ के तहत सहायता के लिए एवं कृषि इनपुट सब्सिडी की अधिकतम सीमा 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक किया जाना चाहिए। इसी तरह सूखा विकास कार्यक्रम जिलों के 5 हैक्टेयर भू-धरिता वाले किसानों को लघु एवं सीमांत किसानों की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।

सांसद डांगी ने सदन को यह भी अवगत कराया कि इस संदर्भ में राजस्थान सरकार द्वारा लगातार गृह मंत्रालय, भारत सरकार से पत्राचार करते हुए अनुरोध किया जा रहा है। अतः भारत सरकार द्वारा राजस्थान के परिपेक्ष्य में यह सीमा 5 हैक्टेयर तक बढ़ाई जानी नितान्त आवश्यक है।

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