सहायक निदेशक द्वारा रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का किया अवलोकन

 सहायक निदेशक द्वारा रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का किया अवलोकन



भरतपुर, 08 दिसम्बर। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की सहायक निदेशक डाॅ. सुनीता चैधरी द्वारा जिला स्तरीय रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा के.आर.पी. प्रशिक्षण का बुधवार को अवलोकन किया गया। 

 डाॅ. सुनीता चैधरी ने प्रशिक्षणार्थीयों को सम्बोधित करते हुये रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के उद्देशों एवं प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बाल अधिकार एवं बाल सुरक्षा के संदर्भ में गुड टच एवं बैड टच (सुरक्षित स्पर्श एवं असुरक्षित स्पर्श) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज-कल बालिकाओं का विशेष कर छोटी उम्र की बालिकाओं की सक्षम समझ के विकास के अभाव में असामाजिक तत्व द्वारा उन्हें छोटे-मोटे लालच देकर उनके शोषण के मामले प्रकाश में आ रहें हैं ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि सभी बालिकाओं को जागरूक कर उनको उचित वातावरण प्रदान करें इसके लिए कार्टून आधरित फिल्मों के प्रदर्शन के माध्यम से भी जागरूक किया जा सकता है तथा अभिभावक शिक्षक एवं हम सभी इस दिशा में आपसी समन्वय से कार्य करें। डाॅ. चैधरी ने महिला एवं बालिका सुरक्षा संबंधित विभिन्न कानूनी प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला तथा उन्होंने कहा कि आज महिलाओं और बालिकाओं को अपने प्रति स्वयं जागरूक होने की आवश्यकता है।   आज समाज में सामुहिक प्रयासों के द्वारा ही जेन्डर समानता के उद्देश्य की प्राप्ति की जा सकती है। डाॅ. चैधरी द्वारा बाल श्रम निषेध एवं नियम अधिनियम 1986 बाल विवाह अधिनियम 2006, पोक्सो अधिनियम 2012 के द्वारा महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया। इसके पश्चात् उन्होंने प्रशिक्षण स्थल पर प्रशिक्षणार्थियों को कराटे की जानकारी एवं हैण्ड मूमेन्ट की जानकारी के साथ विभिन्न पंचेज के प्रदर्शन की सराहाना की। उन्होंने कैम्प के प्रशिक्षण का सूक्ष्मता से अवलोकन किया तथा खाने एवं नाश्ते की गुणवत्ता के बारे में दिशा-निर्देश प्रदान किये। 

इसके पश्चात् डाॅ. सुनीता चैधरी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय तुहिया का अवलोकन किया साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपला का दौरा कर व्यावसायिक शिक्षा एवं आईसीटी लैब के उपयोग के बारे में दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कम्प्यूटर आधारित विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के बारे में चर्चा करते हुये भविष्य में तकनीकी आधारित शिक्षा की आवश्यकता के बारे में सभी शिक्षकों का मार्ग दर्शन किया। 

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