सुभाष तिवारी लखनऊ
प्रयागराज,डाक्टर ने मौत के मुँह में जाती बेटी को दी दूसरी जिंदगी, घर में सोते समय साप ने काटा
, सुबह स्कूल में मासूम हुई मूर्क्षित, अंधविश्वास को छोड़ इलाज को अस्पताल ले पंहुचा परिवार GC
उत्तरप्रदेश प्रयागराज पुरामुफ्ती कोतवाली इलाके के कसबे में रहने वाली दीक्षा मौत के मुँह से वापस आ गई है। बड़ी वजह है कि सर्प दंश के बाद पीड़ित परिवार बेटी को लेकर डॉक्टर के पास पहुंच गया। डॉक्टर ने मृत होती मासूम को इलाज के दम पर नई जिंदगी दे दी। परिवार के लोग अब बेटी को वापस पाकर ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे है। परिवार और डॉक्टर सर्प दंश के शिकार लोगो से अपील कर रहे है कि वह भी ऐसी किसी घटना के बाद नीम हकीम के पास जाने के बजाये प्रशिक्षित डाक्टर के पास जाएं। ताकि अपनों की जान काला जगा जाने से गवानी ना पड़े
अंतिम समय तक परिवार को नहीं नहींं पता बेटी को हुआ क्या
अरुण कुमार सिंह पेशे से कारोबारी है। इनकी ऑटो=पार्ट्स की दूकान पूरामुफ्ती कसबे में है। परिवार प्रयागराज के बमरौली बरेठी में रहता है। बुधवार की रात परिवार खाना खाकर सोया तो वही बेटी दीक्षा घर के दूसरे कमरे में सो रही थी। तभी उसे सर्प ने हाँथ में काट लिया। सुबह उठने पर उसे हल्का बुखार जैसा मह्सूस हो रहा था। लेकिन परिवार ने दीक्षा को स्कूल जाने से मना किया। लेकिन दीक्षा ने कहा पेपर है पापा जाने दीजिए तो परिवार को यह लगा ऐसे नॉर्मल कुछ फीवर है । क्योंकि पूरे परिवार को सीजनली फीवर आ रहा था। इस पूरे मामले में खास बात की परिवार को अंतिम समय तक ये पता ही नहीं था की उनकी बेटी को एक जहरीले सांप ने कांटा है। दीक्षा स्कूल गई जहाँ वह क्लास रूप में बेहोश होकर गिर पड़ी। आनन-फानन में इस बात की घर वालो को सूचना दी गई और परिवार दीक्षा को कई हॉस्पिटलों में लेकर भागे लेकिन सभी ने भर्ती करने से मना कर दिया। डाक्टरों ने उसे मृत बता दिया। हॉस्पिटलों में मना करने के बाद परिवार में रोना पीटना मुच् गया। फिर भी परिवार ने हिम्मत नहीं हारी और प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल लेकर पहुंचे और घर वालो के डॉक्टर्स से आग्रह बाद चिकित्सको ने इलाज शुरू किया। पिता अरुण कुमार सिंह के मुताबिक दीक्षा की हालत एक मृत जैसी हो गई। और हमें लगा कि हमारी बेटी है हमारे बीच में नहीं रही यही नहीं कई हॉस्पिटलों में जाने के बाद डाक्टरों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया। फिर भी वह किसी नीम हकीम के पास जाने के बजय हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। दीक्षा के पिता अब लोगों से यह अपील कर रहे हैं अगर किसी को कोई सर्प काटता है तो फौरन आप डॉक्टर के पास ले जये। क्योंकि डॉक्टर के इलाज के चलते ही आज इस दुनिया में मेरी बेटी को दूसरी जिंदगी मिली है।
डॉक्टर ने हॉस्पिटल से दीक्षा को तालियां बजा कर दी विदाई
प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के डॉक्टर राजीव सिंह ने बताया कि वैसे हम लोग ने कई तरह के इलाज किए हैं। लेकिन इस तरह का पहला मामला है। जिसमें परिवार को अंतिम समय तक नहीं पता था कि उनकी बेटी को सांप ने काटा है।सर्प के दंश के समय डाक्टर के पास पहुंचने के चलते दीक्षा को जीवित बचाया जा सका है। अमूमन लोग नीम हकीम तांत्रिको के चक्कर में फस कर अपनों की जान को खो देते है। इसके अलावा डॉ राजीव सिंह आम लोगों से यह भी अपील की कभी भी अगर परिवार के किसी सदस्य को कोई जानवर या सांप काटता है तो आप डॉक्टर के पास जाएं तभी झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़े। वही नई जिंदगी पाने वाली दीक्षा के सही होने के बाद रविवार को मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर ने बुके देकर स्वागत किया और जाते समय बच्ची को दूसरी जिंदगी पाने पर तालियां बजा कर अपने हॉस्पिटल से विदाई दी।
आपको बता गोल्ड मेडलिस्ट डॉ राजीव सिंह इस तरह का यह पहला कारनामा नहीं जिन्होंने दूसरों की जिंदगी बचाई है शायद डॉक्टर राजीव सिंह के लिए ये कहना लाजमी होगा कि वो एक डॉक्टर रूप में भगवान हैं। इससे पहले कई ऑपरेशन किया है जो मेडिकल क्षेत्र में किसीआश्चर्य से कम नहीं है।