सांगोद के विधायक भरत सिंह जो अपने आपको हरिश्चंद्र समझते हैं।
वही उनकी फौज के सेनापति सांगोद ब्लॉक अध्यक्ष कुशल पाल सिंह सांगोद विधानसभा में भ्रष्टाचारी अफसरों की फौज को लगाकर। उनसे हजारों रुपए महीने की बंदी ले रहे। है।अधिकारी भी क्या करें वह जनता क। Khoon chus कर उनकी गाढ़ी कमाई को रिश्वत के रूप में ले रहे है। और विधायक की चांडाल चौकड़ी के लोगों की फरमाइश पूरी कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें उनकी कुर्सी सांगोद में बचा कर रखना है।
पिछले 2 माह का रिकार्ड अगर भरत सिंह उठाकर देखें तो उनकी ही कृपा पात्र 4 अधिकारी अभी तक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के शिकंजे में जकडे जा चुके हैं। और जेल की हवा खा रहे हैं।
थाना सांगोद के प्रमुख दीवान एचसी दिनेश मीणा जो कुशल पाल और भरत सिंह की कृपा दृष्टि से थाना सांगोद में पदस्थ किए गए थे। उन्हें पिछले दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए उन्हें भी गिरफ्तार किया है। और जेल भेज दिया गया है। वही दूसरी ओर 15 दिन बाद सांगोद तहसील के कानूनगो सुरेश सुमन भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कानून गो सुरेश सुमन को गरीब जनता का खून चूस कर विधायक भरत सिंह की चांडाल चौकड़ी की जेबभरता था। और गरीबों की जमीन इधर-उधर कर उनकी जमीनों को भू माफिया लोगों के खातों मैं लगाता था।
आज शाम को विधायक भरत सिंह के लाडले कुशल पाल सिंह के हुकुम के गुलाम भ्रष्टाचारी सरgना सांगोद का थाना प्रभारी बदन सिंह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम हत्थे चढ़ गया है उसे रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।
कुल मिलाकर पत्र लेकर विधायक मुख्यमंत्री को कभी कलेक्टर कभी एसपी कभी purvआई जी सतवीर जी को भ्रष्ट बताकर उन्हें हटाने की गुहार के पत्र लेखक का कार्य भरत सिंह किया करते है अब उनके ही विधानसभा क्षेत्र में 30 दिन में चार उनके प्रमुख स्तंभ रिश्वत लेते हुए जेल की हवा खा रहे हैं। अगर इन चारों की सिफारिश का आला अफसरों को मंत्रियों को विधायक भरत सिंह की डिजाआर अधिकारियों पर दबाव डालकर इन्हें apni कैबिनेट के भ्रष्ट लोगों के अरमान पूरे करने पर अपने विधानसभा में लगवाया था। वदन सिंह ने तो हद ही कर दी थी। वह कांग्रेस का कार्यकर्ता बनकर सांगोद में थाना चला रहा था। और प्रमुख थानेदार कुशल पाल सिंह का फरमान चलता था। आयोजित भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को बंद करना मारपीट करना उसका नियम बन गया था। Kushal pal Singh ki की कृपा से भरत सिंह ने इस भ्रष्ट नकारे निकमें पुलिस के सीआई को अपनी विधानसभा सांगोद मैं मुख्यमंत्री से कह कर लगवाया था ।
विधायक भरत सिंह पर यह कहावत शत-प्रतिशत सफल हो रही है।
,, हकीम जी भाट खाए और औरों को परेज बताएं,,
कुल मिलाकर इस समय सांगोद पूर्ण भ्रष्टाचार की गंगोत्री में बह रह है।और उसके प्रमुख खेवईया विधायक भरत सिंह के दाएं हाथ कुशल पाल सिंह हैं।
वहीं दूसरी ओर उनके रिश्तेदार और भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने वाले कोटा के सीएमएचओ भूपेंद्र तवर ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम के आरोप लगने के बाद। भरत सिंह की चुप्पी सांगोद के ही एक कार्यकर्ता जो एनएचएम में कर्मचारी न्यू मेडिकल कॉलेज में लगवाया थ। उसका एहसान के कारण सीएमएचओ के खिलाफ हुआ है नायक पत्र लिख पाए और ना कोई आरोप लगा प।ए कोटा इस भ्रष्टाचारी अफसर भूपेंद्र तबर ने कर।ना काल में अपने वह स्वयं को दोषी मान चुका है । ऐसे भ्रष्टाचारी अफसर के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलान। और ना चार लाइन की पाती कलेक्टर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को लिखने का नैतिक साहस भरत सिंह नहीं दिखाया पाए ऐसे सदाचारी सांगोद के गांधीवादी विधायक भरत सिंह को जनता अब भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देने के। कारण संदेह की नजर से देखने लगी है ।