चंदवा सीएचसी के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को वेतन स्थगित कर कार्रवाई करने की पत्र जारी करने पर माकपा भड़की
कोरोना वारियर्स चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों सफाई कर्मीयों को किया जा रहा है मानसिक रूप से प्रताड़ित : अयुब खान
कोरोना वायरस के तीसरी लहर से लड़ने के बजाय बीपीएम लड़ रही है कोरोना वारियर्स से
बीपीएम के कार्यकाल में अस्पताल के लिए खरीदे गए सभी सामानों की जांच की जाए
बीपीएम मुख्यालय से भी गायब रहते हैं
बीपीएम को जल्द चंदवा से हटाए जाने की मांग
चंदवा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सफाई में आउटसोर्सिंग से आधा दर्जन से अधिक सफाई कर्मी नियुक्त हैं, सफाई कर्मी सफाई की कार्य अच्छे से बखुबी निभा भी रहे हैं,
इसके बाद भी चिकित्सा प्रभारी और बीपीएम, कोरोना वारियर्स चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों सफाई कर्मीयों को इसके लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है,
कोरोना वायरस के तीसरी लहर से लड़ने के बजाय बीपीएम लड़ रही है कोरोना वारियर्स से,
दुर्भावना से प्रेरित होकर व द्वेषवश चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों पर अस्पताल की साफ सफाई ठीक ढंग से नहीं कराने का आरोप लगाकर चिकित्सा प्रभारी व बीपीएम के हस्ताक्षर से पत्र जारी कर साफ सफाई नहीं कराने, आदेश की अवहेलना का आरोप लगाकर
चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को वेतन स्थगित करते हुए कार्रवाई करने की धमकी दिए जाने की मामले पर माकपा भड़क गई है,
एक प्रेस वक्तव्य जारी कर पार्टी के वरिष्ठ नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान ने कहा कि
विवादों में रहे बीपीएम का चंदवा सीएचसी में पदस्थापना के समय में ही यह संभावना जताई गई थी कि अस्पताल में पुनः राजनीतिक शुरू हो जाएगी इसकी जानकारी जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग को भी दिया गया था, जैसा राजनीतिक की संभावना जताई गई थी वैसा ही देखने को मिल रहा है,
जबकि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ओपीडी इमरजेंसी नाईट ड्यूटी बखुबी करते आ रहे हैं, ऐसे में साफ सफाई की जिम्मेदारी चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों पर कैसे थोपी जा सकती है, जो पत्र जारी हुआ है इसमें राजनीति की बू साफ साफ झलक रही है, विवादों में रहने वाले व्यक्ति जबसे चंदवा सीएचसी में पदस्थापित हुए हैं तबसे चंदवा सीएचसी में प्रत्येक दिन राजनीति होती दिखाई देती है, विवाद में रहे व्यक्ति का पदस्थापन चंदवा सीएचसी में नहीं हुआ था तब अस्पताल में आपसी तालमेल और चिकित्सीय व्यवस्था देखते बनती थी,
उस समय अस्पताल का किसी तरह का कोई सिकवा शिकायत नहीं था,
उन्होंने आगे कहा कि बीपीएम के कार्यकाल में अस्पताल के लिए खरीदे गए सभी सामानों की जांच कराए जाने की जरूरत है, यदि जांच की गई तो इसके कई फैसले नियम के विरुद्ध पाए जाएंगे साथ ही साथ ही सरकारी राशि की बंदरबांट के मामले भी सामने आएंगे, बीपीएम मुख्यालय से भी गायब रहते हैं, उन्होंने कहा कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को राजनीतिक रूप से इसी तरह आरोप लगाकर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने से अस्पताल की छवि खराब हो रही,
इसी तरह बीपीएम व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों में तथा चिकित्सकों में आपसी तालमेल न होकर तना तनी रहती है तो इसका असर मरीज की ईलाज में कितना असर पड़ेगा यह समझा जा सकता है, बीपीएम के चंदवा में रहने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा,
एक दुसरे अस्पताल कर्मी के प्रति की जा रही राजनीतिक द्वेष को दूर कर आपसी तालमेल बढ़ाने के लिए अयुब खान ने बीपीएम को चंदवा से अन्यंत्र हटाए जाने का आग्रह उपायुक्त अबु इमरान से की गई है।