विज्ञान पर भारी श्रद्धा रूपी चांद
करवा चौथ पर विशेष
सुरेशसैनी
चांद पर जा आई दुनिया पर आज भी दिल करता है सुहागन का कि वो मेहंदी रचाए और लाल चुनरी पहन कथा सुने और अन्न जल सब छोड़ सुहाग की कामना का व्रत करे। हाँ मै उतावली हूँ करवा चौथ के लिए और चांद के दीदार के लिए क्योंकि यह दिन मुझे फिर से दुल्हन बना देता है और मै फिर से इजहार करती हूँ कि आपको कुछ न होने दूंगी और तमाम भूख प्यास के भी विश्वास से परिपूर्ण चेहरे को निहारते हुए बार बार चांद को देखने की जद्दोजहद और चूड़ियों के सत और मंगलसूत्र की श्रद्धा के सहारे पूरे दिन का बीत जाना अच्छा लगता है। मै भी आज व्रत के माध्यम से बताऊंगी कि आप मेरे लिए बहुत खास हो, मै भी आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ। जाने दो न चंद्रयान को, होने दो शोध। मुझे फिर से अनभिज्ञ बन जाने दो, चांद मेरे सुहाग का साक्षी, मुझे मन से दीदार करने दो। मत लाओ आज कागज कलम वाली बात। आज तो बस बात केवल चौथ माता की हो। सुनने दो सुहागिनों की कहानी.. क्योंकि यह हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है जो बताती है निष्कपट प्रेम को। हां मैं भी व्रत करूंगी बिना किसी पूर्वाग्रह के और जीत लूंगी मेरे सुहाग को। ये चौथ का व्रत ही तो मुझे याद दिलाता है कि हमारा रिश्ता किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। यह मेरे जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के होने की ख़ुशी को मनाने का तरीका है। मेरे भूले हुए गहने साल में एक बार बाहर आते हैं। मंगलसूत्र , गर्व और निष्ठा से पहना जाता है। मेरे जीवन में मेहँदी , सिन्दूर ,चूड़ियां उनके आने से है तो यह सब मेरे लिए अमूल्य है। यह सब हमारे भव्य संस्कारों और संस्कृति का हिस्सा हैं। शास्त्र दुल्हन के लिए सोलह श्रंगार की बात करते हैं। इस दिन सोलह श्रंगार कर के फिर से मै दुल्हन बन जाऊ, उनकों कहुँ कि चांद ही मेरे प्रेम का साक्षी है। मै वेलेंटाइन डे को नहीं जान पाती। पुराना भोलापन ओढ़ लेने दो, पाटे पर सखियों के साथ करवा चौथ की कहानी सुनने दो। तर्क पे विश्वास को जीत जाने दो। कहीं न कहीं किसी चमत्कार की गुंजाईश हमेशा रहती है। वैसे भी तर्क के साथ दिव्य चमत्कार की आशा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती।
पर वे भी व्रत करना चाहते है, पर मैने मना कर दिया कि आज का दिन तो बस मेरा दिन है और सिर्फ मुझे ही वो लाड़ प्यार करे । अगर आप भूखे रह गए तो मै अपनी आराध्या चौथ माता मे मन कैसे लगाउंगी। पूरे दिन आपको भूखे देखकर मन व्यग्र रह जाएगा। नही… व्रत केवल मै ही करूंगी।
असल मे यही एक रात है अध्यात्म की, जब आपकी प्रीत ईश्वर के समकक्ष होती है और चांद गवाह होता है। चाँद सी सुन्दर की उपमा का इंतजार है मुझे। सभी सुहागन सखियों करवाचौथ के लिए सजधज जाइए । आज के दिन तर्को की कोई बात नहीं बस आज तो बात विश्वास की होनी है आपका विवाहित जीवन आपकी आत्मा को परिपूर्ण करे और आपके जीवनसाथी का विचार आपके मुख पर सदैव मीठी मुस्कान लाये बस यही शुभकामनाएं। स्मरण रहे कि यह देश सावित्री जैसी देवियों का है जो मृत्यु से भी अपने पति को खींच लायी थी ,,,,,,,,,,,,, कुतर्कों पर मत जाईये अंदर की श्रद्धा को जगाईये और करवा चौथ के चांद का दीदार कीजिए।
डॉ भावना शर्मा