जयपुर - राज्य सूचना आयोग ने सूचना अधिकार कानून की अनदेखी करने और लोगो को सूचना से वंचित रखने पर खान एवं भू विज्ञानं विभाग के एक अफसर पर दो अलग अलग मामलो में दस दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया है।एक अन्य मामले में आयोग ने उदयपुर में पश्चिमी क्षेत्र के वन संरक्षक पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि उनकी तनख्वाह से काटे जाने का आदेश दिया गया है।
आयोग के समक्ष कोटा जिले में रामगंजमंडी के एक नागरिक महावीर ने वहां के खनिज अभियंता के विरुद्ध शिकायत की थी। महावीर का कहना था कि वे लम्बे समय से अपने क्षेत्र में पत्थर खदानो के लीज निरीक्षण में पाई गई कमियों के बारे में सूचना मांग रहे थे। महावीर ने सितम्बर ,2019 को सूचना के लिए अर्जी दी थी। लेकिन खनिज अभियंता ने इस सूचना को तीसरे पक्ष की बता कर सूचना देने से इंकार कर दिया।
खनिज अभियंता ने जब उनकी अलग अलग दो अर्जियों की उपेक्षा की ,आवेदक ने विभाग के अतिरिक्त निदेशक के सम्मुख अपील दायर की। अतिरिक्त निदेशक ने भी नागरिक की अर्जियों में मांगी गई सूचना को मुहैया करने लायक माना और अपने खनिज अभियंता को तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया। लेकिन खनिज अभियंता ने इसे भी कोई तवज्जो नहीं दी। इस पर महावीर ने आयोग में अपील की। राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने सुनवाई के दौरान अधिकारी के इस रुख पर नाराजगी जाहिर की और दोनों मामलो में दस दस हजार रूपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।
इनमे से एक मामले में आवेदक ने उस क्षेत्र में खनन लीज के साथ सार्वजनिक उपयोग की जमीन की स्थिति की सूचना मांगी थी। इसमें जोहड़ ,नदी और नाले जैसी बातो की सूचना शामिल थी।आयोग ने कहा सूचना अधिकार कानून के तहत ये सूचनाएं किसी भी नागरिक को देने लायक थी। लेकिन अधिकारी ने इसे अनसुना कर दिया।सूचना आयुक्त बारेठ नेा आयोग के इस फैसले की प्रति खनन विभाग के निदेशक को भी भेजने की हिदायत दी है। आयोग ने विभाग को निर्देश दिया है कि वे नागरिक को तय सीमा मे वांछित सूचना उपलब्ध करवाए।
आयोग ने सूचना देने में कोताही बरतने पर उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र के वन संरक्षक पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। वहां ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में कथित प्रभावशाली लोगो द्वारा कुआ खोदने और जंगल की आबो हवा को नुकसान पहुँचाने को लेकर कोई साल भर पहले वन विभाग में शिकायत की थी। इसे लेकर स्थानीय व्यक्ति बलराम मीणा ने इस शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी थी। लेकिन वन संरक्षक ने इसे महत्व नहीं दिया।
आयोग ने वन संरक्षक को नोटिस भेज कर जवाब तलब किया /लेकिन वन अधिकारी ने कोई जवाव नहीं दिया। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने सख्ती दिखाते हुए वन संरक्षक पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। आयोग ने वन विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि आवेदक को पंद्रह दिन में सूचना मुहैया करवाए।इसी तरह प्रतापगढ़ के जिला शिक्षा अधिकारी [माध्यमिक ] पर भी पांच हजार रूपये के पेनल्टी लगाई गई है। प्रतापगढ़ के रमेश चंद जैन ने आयोग में अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि विभाग उनके वेतन स्थरीकरण पर मांगी गई सूचना नहीं दे रहा है।
आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी पर जुर्माना लगते हुए पंद्रह दिन में सूचना उपलब्ध करने का निर्देश दिया है।