कोठारिया जंगल में गहराया पेयजल संकट वानरों का झुंड जंगल से निकलकर पानी और भोजन की तलाश में गांवों की और

 बांसवाड़ा राजस्थान ब्यूरो जनतंत्र की आवाज

कोठारिया जंगल में गहराया पेयजल संकट

वानरों का झुंड जंगल से निकलकर पानी और भोजन की तलाश में गांवों की और


मार्च माह की शुरूआत में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं जिले की सबसे ज्यादा नान कमांड पंचायत समिति कुशलगढ़ की विभिन्न 51 ग्रामपंचायतों में जल स्तर अभी से घटने के कारण अधिकांश पेयजल स्रोत जवाब दे चुके हैं पंचायत समिति के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या अभी से मुंह बाए खड़ी हो गई है ग्रामीण जन घर से पैदल चलकर एक गांव से दूसरे गांव जाकर स्वयं और माल मवेशियों के लिए पानी का बंदोबस्त कर रहे हैं अभी से ये हालात हैं तो अप्रैल,मई माह में क्या स्थितियां बनेंगी अभी से चिंता का विषय है ऐसे में कुशलगढ रेंज के सबसे ज्यादा घने जंगल कोठारिया ,रामगढ़ और भूरीपाडा में पानी की उपलब्धता नहीं होने से वन्य जीव भी पानी और भोजन की तलाश में जंगल से निकलकर गांवों और कस्बों की और आना शुरू हो गये है घोडादर्रा कोठारिया जंगल में बंदरों की संख्या बहुत अधिक है ऐसे में वन विभाग की और से भी इनके पीने के पानी के प्रबंध पर अब तक विचार नहीं किया गया है ।नान कमांड इलाके में हर साल पीएचडी विभाग के मार्फत ग्रामपंचायतों की और से एक अप्रैल से टैंकर शुरू किए जाते हैं ऐसे में मार्च माह के 20 दिन निकालने नान कमांड की जनता के लिए बहुत भारी है।

फोटो कुशलगढ़ रेंज के कोठारिया जंगल से पानी की तलाश में आये वानर को हैंडपंप हिलाकर पानी पिलाता ग्रामीण

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