बांसवाड़ा राजस्थान जनतंत्र की आवाज ब्यूरो जगदीश चावडा
नारी भोग्या नहीं पूज्या,,,,निवर्तमान नपाध्यक्ष जोशी
कुशलगढ़ प्रतिध्वनि संस्थान में विश्व महिला दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
यत्र नार्यस्तु पुज्यंते,रमंते तत्र देवता।नारी केवल भोग की वस्तु नहीं अपितु पूजनीय है ।नारी शक्ति से ही सारा जगत टीका है उक्त उदगार सोमवार को विश्व महिला दिवस पर कुशलगढ़ प्रतिध्वनि संस्थान योजना सखी में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कुशलगढ़ नगरपालिका की निवर्तमान अध्यक्ष रेखा जोशी ने कहे ।जोशी ने कहा कि बांसवाडा जिले के सूदूर जनजाति बाहुल्य क्षेत्र कुशलगढ़ इलाके में पिछले पांच सालों से अनूसूचित जनजाति की महिलाओ,युवतियों और स्कुली छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सखी योजना कारगर साबित हो रही है जो कि धन्यवाद की पात्र है। जोशी ने कहा कि क्षान जहां भी मिले वहां से ग्रहण करना चाहिए परिवार की महिला या बहन बेटी स्वयं शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनेगी तो सात पीढ़ी का विकास होगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुशलगढ़ की गणमान्य नागरिक समीक्षा जैन ने करते हुए कहा कि स्वयं पर और अपने इष्ट भगवान पर भरोसा करके महिलाएं हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें सीखने की कोई उम्र और सीमा नहीं होती । सर्वप्रथम अतिथियों ने मां शारदे के श्री चरणों में दीप प्रज्वलित किया इसके बाद अतिथियों सहित मौके पर कवरेज के लिए पहुंचे जनतंत्र की आवाज प्रतिनिधि का सखी संस्थान की और से माला पहनाकर स्वागत किया गया।महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उदयपुर से सखी संस्थान में विगत कई दिनों से एप्लीक वर्क का प्रशिक्षण दे रही ट्रैनर तेजल ने भी अपने उदगार व्यक्त किए । कार्यक्रम का संचालन मुनैरा हसन ने किया ।आभार सखी संस्थान के मास्टर मेहताब खान ने व्यक्त किया।
प्रतिध्वनि संस्थान जनजाति महिलाओं के लिए बना आत्मनिर्भरता का जरिया।पहचान देश विदेश में
अब तक 3500 महिलाए ले चुकी प्रशिक्षण ,कोरोना काल में बनाए मास्क पहुंचे फ्रांस और दक्षिणी अमेरिका तक
जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में जनजाति तबके की गरीब महिलाओं को सीलाई,कढ़ाई,बुनाई का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रतिध्वनि संस्थान की स्थापना कुशलगढ़ में निदेशक डॉ निधि जैन की अगुवाई में 31 मार्च 2016 को हुई जिसमें अब तक 3500 के करीब महिलाएं जिनमें 80 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की महिलाएं ,युवतियां व स्कुली छात्राएं प्रशिक्षण ले चुकी है जिनमें से 500 के करीब महिलाएं स्वयं अपना रोजगार चलाती है। प्रतिध्वनि संस्थान की सखी नाम से संचालित योजना में गत वर्ष कोरोना काल में डेढ़ लाख के करीब मास्क बनाए गये जिनमें पुलिस प्रशासन सहित जरुरतमंद को निशुल्क वितरण किए गये साथ ही आमजन को रियायती दर पर मुहैया कराये गये वहिं सखी संस्थान की और से प्रतिभावान विद्यार्थियों को हर साल छात्रवृति देती जा रही है साथ ही सरकारी स्कूलों में सखी के तहत गणित,विज्ञान , अंग्रेजी विषयों का अध्यापन कार्य भी निशुल्क करवाया जाता है । संस्थान की और से संस्था में सीलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी ज़रूरत मंद महिलाओं को अब तक दस से अधिक निशुल्क सीलाई मशीन का वितरण किया जा चुका है। संस्थान में सीलाई,कढ़ाई,बुनाई,पेंटींग,क्ले पेंटिंग,मेहंदी के अलावा इन दिनों ट्रेनर तेजल दर्शाया एप्लीक वर्क पहली बार जिसमें साडी बनाना,बेडशीट,कुर्ती इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है । संस्थान निदेशक डॉ निधि जैन के अनुसार दक्षिणी छोर जनजाति बाहुल्य भील इलाके में रोजगार के संसाधन नहीं है ,वर्तमान में नान कमांड इलाके में पीने के पानी का विकट संकट गहराने लगा है रोजगार की तलाश में अधिकांश गुजरात सहित अन्य राज्यों में पलायन पर साल के आठ माह जनजाति समुदाय के लोग रहकर मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं जहां आए दिन होने वाली घटना दुर्घटना में गरीब लोग हताहत होते हैं जो बड़ी चिंता का विषय है सरकार को हर दृष्टी से इस क्षेत्र पर विकास और रोजगार के नवीन आयाम स्थापित करना समय की महती मांग है।
फोटो विडियो प्रतिध्वनि सखी संस्थान में विश्व महिला दिवस पर सखी में संबोधित करते अतिथि