जिले में बाल विवाह पर प्रभावी रोक के लिए अभियान 1 अप्रेल से

 जिले में बाल विवाह पर प्रभावी रोक के लिए अभियान 1 अप्रेल से

-30 जून 2021 तक जारी रहेगा अभियान

जयपुर, 31 मार्च। जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा नेहरा ने जिले में अक्षया तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा एवं अन्य अवसर पर होने वाले बाल विवाह के आयोजन पर प्रभावी रोकथाम के लिए 1 अप्रेल 2021 से 30 जून 2021 तक विशेष बाल विवाह निषेध अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

श्री नेहरा ने इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण, सभी उपखण्ड अधिकारियों, विकास अधिकारियों, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर शहर एवं ग्रामीण, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधकारी जयपुर प्रथम एवं द्वितीय, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक एवं माध्ममिक को निर्देशित किया है कि आपस में एवं अन्य सभी विभागों के समन्वय कर विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह पर अंकुश के लिए प्रभावी कार्यवाही करें। इसके दुष्परिणाम एवं इसे रोकने के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के तहत् निरोधात्मक, दण्डात्मक एवं सुरक्षात्मक प्रावधानो की जानकारी आम जन तक पहुचाने हेतु विशेष प्रयास करें।  

उन्होंने अभियान के संचालन के लिए हर उपखण्ड मुख्यालय पर बैठक कर कार्य योजना तैयार करने के निर्देष दिए हैं। जिसके अन्तर्गत सभी सरकारी मशीनरी का सहयोग एवं समन्वय सुनिश्चित किया जाए। जागरुकता अभियान में ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आगनबाडी कार्यकर्ता, साथीन सहयोगीनी के कोर ग्रुप, एनजीओं आदि को नियोजित करने एवं इस अभियान में विधिक सेवा संस्थाओं की टीमों का भी सहयोग करने को कहा गया है।

जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि बाल विवाह की सूचना प्राप्त होते ही सभी मामलों में प्रभावी समझाईश करें। साथ ही संभावित कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की चैतावनी भी दें। सूचना प्राप्त करने के लिये सूचना बाॅक्स लगाएं एवं उनका प्रचार करें साथ ही दिन-रात काम करने वाले नियंत्रक कक्ष स्थापित करावें, टोल-फ्री हैल्प लाईन का प्रचार करें। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखने की के बारे में भी अधिक से अधिक लोगों को मीडिया एवं अन्य साधनों से जानकारी दी जाए।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह संज्ञेय एवं गैर जमानातीय अपराध है। जिसकी किसी भी माध्यम से पूख्ता सूचना मिलने पर बिना किसी औपचारिक रिपोर्ट के मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है।

उन्होंने बताया कि बाल विवाह करने वाला परिवार ही नहीं, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में बाल विवाह में सहयोग करने वाले पण्डित, मौलवी, पादरी, टैन्ट वाला, हलवाई, बैण्ड बाजे वाले आदि इसमें भाग लेने वाले सभी संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध के लिये उत्तरदायी है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन्हें पाबंद किया जाए कि उनके द्वारा बाल विवाह में सहयोग करने या भाग लेने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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