ऊर्जा मंत्री का विधानसभा में विद्युत पर वक्तव्य
राज्य में फ्यूअल सरचार्ज मात्र 30 पैसे प्रति यूनिट
जयपुर, 10 फरवरी। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राज्य में फ्यूअल सरचार्ज वर्तमान में मात्र 30 पैसे प्रति यूनिट है, यह घटता बढ़ता रहता है। अन्य राज्यों में भी फ्यूल सरचार्ज की वसूली की जाती है। गुजरात में तो एक रुपये 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से फ्यूल चार्ज वसूला जा रहा है। प्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार केे कार्यकाल में भी हर तिमाही आधार पर फ्यूल चार्ज वसूला जाता था। उपभोक्ताओं द्वारा नियत तिथि से पूर्व भुगतान किए जाने पर दी जाने वाली छूट में वृद्धि की गई है। साथ ही गौशाला, धर्मशाला और छात्रावासों के लिए घरेलू विद्युत दरे लागू की गई हैं।
डॉ. कल्ला सोमवार को विधानसभा में विद्युत सम्बंधी चर्चा पर अपना वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अडानी पावर को अतिरिक्त भार का लगभग 2 हजार 227 करोड़ रुपये पूर्ववर्ती सरकार द्वारा भुगतान कर दिया गया था, जिसके लिए विनियामक आयोग ने 36 माह में 5 पैसे प्रति माह का फ्यूल सरचार्ज लेने का आदेश जारी किया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विनियामक आयोग द्वारा प्रतिवर्ष आगामी वर्ष के लिए प्रत्येक विद्युत उत्पादन इकाई के लिए विद्युत की उत्पादित मूल्य का निर्धारण किया जाता है। इसके आधार पर विद्युत वितरण निगम मासिक भुगतान करते रहतें है। उन्होंने कहा कि ईंधन मूल्य में वृद्धि के कारण उत्पादित विद्युत के मूल्यों में भी हुई वृद्धि के बिलों के एरियर (राज्य क्षेत्र, केन्द्रीय परियोजनाओं एवं निजी क्षेत्र इत्यादि) सभी उत्पादन कम्पनियों द्वारा वितरण निगमों को भेजे जाते है। एरियर के बिलों के आधार पर उत्पादित बिजली खरीद में ईंधन मूल्यों में हुई वृद्धि को तिमाही आधार पर विनियामक आयोग के द्वारा निर्धारित फॉर्मूले व निर्देशानुसार यदि अतिरिक्त प्रभार चार्जेबल होता है तो यह उपभोक्ताओं से बिलों के माध्यम से वसूला जाता है।
नियत तिथि से पूर्व भुगतान पर रिबेट में बढ़ोतरी
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा नियत तिथि से पूर्व भुगतान किए जाने पर दी जाने वाली छूट में वृद्धि की गई है। उपभोक्ताओं द्वारा बिलों की राशि का नियत तिथि से 7 दिन पूर्व में भुगतान पर जो रिबेट 0.15 प्रतिशत दी जाती थी, उसे अब 10 दिन पूर्व भुगतान करने पर 0.35 प्रतिशत कर दिया है। इसी प्रकार प्रीपेड मीटर पर प्रति यूनिट रिबेट 10 पैसे से बढाकर 15 पैसे कर दिये गये है।
गौशाला, धर्मशाला और छात्रावासों के लिए घरेलू विद्युत दरे की लागू
डॉ. कल्ला ने कहा कि समस्त गौशालाओं के लिए 5 किलो वॉट की सीमा समाप्त कर समस्त भार के लिए घरेलू विद्युत दर लागू की गई है। इसी प्रकार छात्रों के समस्त हॉस्टल्स के लिए भी घरेलू श्रेणी की विद्युत दरें लागू की गई है। पूजा स्थलों के परिसर के अन्दर स्थित धर्मशालाओं को भी घरेलू श्रेणी के अन्तर्गत लाया गया है जो पहले अघरेलू श्रेणी में थे। समस्त राजकीय विद्यालयों को कम दरों की घरेलू श्रेणी में लाया गया है जिसकी दरें पहले मिश्रित भार श्रेणी में थी।
विनियामक आयोग करता है स्थाई शुल्क का निर्धारण
डॉ. कल्ला ने स्थाई शुल्क के बारें मंे कहा कि विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क स्थापित विद्युत तंत्र के ओपरेशन एंड मेंटेनेन्स एवं विद्युत तंत्र के डेप्रिशिएशन विस्तार के लिए ब्याज भार इत्यादि मदों में खर्चों के लिए विद्युत विनियामक आयोग द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लिए स्थाई शुल्क निर्धारित किया जाता है।
------