*काेटा*. गुड गवर्नेंस में खामी काे लेकर एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत की फटकार के बाद काेटा कलेक्टर ओम कसेरा अनंतपुरा निवासी यास्मीन का जनाधार कार्ड बनवाकर उनके घर पहुंचे। उन्हाेंने पहले ताे पेंशन में देरी के लिए हाथ जाेड़कर माफी मांगी, फिर अपने वेतन से उनकाे घर चलाने के लिए पांच हजार रुपए दिए। पेंशन पत्र दिया। वे बाेले-अापकाे पेंशन के लिए पांच-छह महीने इंतजार करना पड़ा, इसमें हमारी टीम की कहीं न कहीं कमी रही है। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। उन्हाेंने बेटी शबाना काे निगम में संविदा पर नाैकरी लगाने के साथ ही उनका बीपीएल व अायुष्यमान कार्ड भी जारी करवाया। बता दें कि यास्मीन ने पेंशन जारी नहीं हाेने काे लेकर संपर्क पाेर्टल पर शिकायत की थी, जिसका समय पर निराकरण नहीं हाेने पर मामला सीएम के यहां दर्ज हाे गया। शुक्रवार काे सभी 33 कलेक्टराें की वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के दाैरान सीएम गहलाेत ने काेटा कलेक्टर से इसके लिए नाराजगी जताई। गहलाेत ने उनसे पीड़िता की अर्जी पढ़वाई अाैर इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियाें पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम ने अजमेर, प्रतापगढ़ अाैर हनुमानगढ़ के कलेक्टराें के काम पर भी नाराजगी जताई थी।
परेशानी समझी, अब मुझे कोई गिला नहीं : यास्मीन
यास्मीन ने बताया कि कलेक्टर ने हमारी परेशानी समझी। बीपीएल व अायुष्मान कार्ड की सुविधा दिलाई। बेटी काे नाैकरी की व्यवस्था कराई। मुझे अब उनसे काेई गिला-शिकवा नहीं है।
प्रशासनिक खामी, मैं मुखिया, जिम्मेदार भी मैं : कलेक्टर
कलेक्टर ओम कसेरा ने बताया कि मामले में प्रशासनिक लापरवाही रही। प्रशासन का मुखिया हाेने के नाते मेरी भी जिम्मेदारी है। भविष्य में ऐसी लापरवाही मिली ताे संबंधित अफसरों पर कार्रवाई हाेगी।
महीनाें का काम एक दिन में हाे गया
यास्मीन ने पति जलील के साथ वृद्धावस्था पेंशन के लिए अावेदन किया था। इस बीच जलील की माैत हाे गई। यास्मीन ने सितंबर 2019 में विधवा पेंशन के लिए अाॅनलाइन अावेदन किया। यह नगर निगम व एसडीओ कार्यालय में घूमता रहा। मामला जैसे ही सीएम के सामने पहुंचा अाैर उन्होंने कलेक्टर काे नसीहत दी ताे शुक्रवार काे ही स्पेशल केस बनाकर जयपुर भेजा गया। वहां से तुरंत जनआधार कार्ड बना।
मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत की फटकार के बाद काेटा कलेक्टर ओम कसेरा अनंतपुरा निवासी यास्मीन का जनाधार कार्ड बनवाकर उनके घर पहुंचे।